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सोन मछरी / हरिवंशराय बच्चन

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स्त्री
उनका सुख लेकर वह भागा,
बस रह गई नयनों में आँसू की लरी.
रानी आँसू की लरी;रानी आँसू की लरी.
रानी मत माँगो;नदिया की सोन मछरी.
देखी होती बात निराली,
छूकर सोन मछरी हुई सोने की परी.
रानी,सोने की परी;रानी,सोने की परी
छूकर सोन मछरी हुई सोने की परी.
हुए अपने पराये,
हाय!मछरी जो माँगी कैसी बुरी थी घरी!
कैसी बुरी थी घरी,कैसी बुरी थी घरी.
सोन मछरी जो माँगी कैसी बुरी थी घरी.
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