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"रोटी और संसद / धूमिल" के अवतरणों में अंतर

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मैं पूछता हूं--<br>
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मेरे देश की संसद मौन है।<br><br>
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'यह तीसरा आदमी कौन है ?'
 
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मेरे देश की संसद मौन है।
धूमिल की अंतिम कविता जिसे बिना नाम दिये ही वे संसार छोड़ कर चल बसे ।<br><br>
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शब्द किस तरह<br>
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कविता बनते हैं<br>
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इसे देखो<br>
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अक्षरों के बीच गिरे हुए<br>
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आदमी को पढ़ो<br>
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क्या तुमने सुना कि यह <br>
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लोहे की आवाज़ है या <br>
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मिट्टी में गिरे हुए खून <br>
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का रंग। <br><br>
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लोहे का स्वाद <br>
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लोहार से मत पूछो <br>
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घोडे से पूछो <br>
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जिसके मुंह में लगाम है।
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09:06, 16 अप्रैल 2013 के समय का अवतरण

एक आदमी
रोटी बेलता है
एक आदमी रोटी खाता है
एक तीसरा आदमी भी है
जो न रोटी बेलता है, न रोटी खाता है
वह सिर्फ़ रोटी से खेलता है
मैं पूछता हूँ--
'यह तीसरा आदमी कौन है ?'
मेरे देश की संसद मौन है।