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"सब का अपना आकाश / त्रिलोचन" के अवतरणों में अंतर
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ढ़ली दुपहर, हो गया अनूप | ढ़ली दुपहर, हो गया अनूप | ||
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धूप का सोने का सा रूप | धूप का सोने का सा रूप | ||
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पेड़ की डालों पर कुछ देर | पेड़ की डालों पर कुछ देर | ||
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नई कलियों से मालामाल | नई कलियों से मालामाल | ||
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कर रही बेला को संकेत | कर रही बेला को संकेत | ||
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जगत में जीवन हास हुलास | जगत में जीवन हास हुलास | ||
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चोंच से चोंच ग्रीव से ग्रीव | चोंच से चोंच ग्रीव से ग्रीव | ||
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मिला कर, हो कर सुखी अतीव | मिला कर, हो कर सुखी अतीव | ||
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छोड़कर छाया युगल कपोत | छोड़कर छाया युगल कपोत | ||
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उड़ चले लिये हुए विश्वास | उड़ चले लिये हुए विश्वास |
12:38, 17 अप्रैल 2013 का अवतरण
शरद का यह नीला आकाश
हुआ सब का अपना आकाश
ढ़ली दुपहर, हो गया अनूप
धूप का सोने का सा रूप
पेड़ की डालों पर कुछ देर
हवा करती है दोल विलास
भरी है पारिजात की डाल
नई कलियों से मालामाल
कर रही बेला को संकेत
जगत में जीवन हास हुलास
चोंच से चोंच ग्रीव से ग्रीव
मिला कर, हो कर सुखी अतीव
छोड़कर छाया युगल कपोत
उड़ चले लिये हुए विश्वास