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"नक़्श कितने जुदा हैं / पवन कुमार" के अवतरणों में अंतर

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ज़ात
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घर
 
घर
 
घराना
 
घराना

08:36, 27 अप्रैल 2013 के समय का अवतरण

ज़ात
घर
घराना
मुल्क
पैदाइश
माँ
और भी कई फि’तरतें
इंसानी हों या
ख़ुदाया
एक सी होने के बावजूद
उन दोनों के नक़्श
कितने जुदा हैं।
एक ही पहाड़ी दोनों की
माँ है
एक ही मुल्क
इन दोनों की पहचान है,
पैदाइश भी दोनों की
एक सी है,
और भी तमाम पहचानें
एक सी हैं।
नाम भी दोनों के एक से हैं,
...पत्थर!
मगर नक़्श दोनों के
कितने जुदा हैं।
एक में धार है
सिर पे मारा जाता है
चोट पहुँचाने के काम आता है,
और एक
...दरियाओं का हम रक़्स होकर
गोल हो गया है
सिर से लगाया जाता है
इबादतों के काम आता है।