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"गीत-1 / नीरज दइया" के अवतरणों में अंतर

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06:37, 16 मई 2013 के समय का अवतरण

जो गीत
गा रही हो तुम
पहले भी मैंने
सुना है- कई बार
पर सुन रहा हूं इसे
तुमसे पहली बार।

लगा मुझे
शब्द तो वही हैं
लेकिन अर्थ नए
रचे तुमने
या समय ने!