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"रूमालों पर / कविता वाचक्नवी" के अवतरणों में अंतर

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हम रूमालों पर  
 
हम रूमालों पर  
 
 
कढ़े हैं  
 
कढ़े हैं  
 
 
प्रीत के अक्षर  
 
प्रीत के अक्षर  
 
 
कब तहा कर  
 
कब तहा कर  
 
 
रख चलो  
 
रख चलो  
 
 
किस जेब में तुम  
 
किस जेब में तुम  
 
 
कौन  
 
कौन  
 
 
जाने ?
 
जाने ?

23:02, 10 जून 2013 के समय का अवतरण

हम रूमालों पर
कढ़े हैं
प्रीत के अक्षर
कब तहा कर
रख चलो
किस जेब में तुम
कौन
जाने ?