|आगे=कबीर दोहावली / पृष्ठ ४
|सारणी=दोहावली / कबीर
{{KKCatDoha}}
}}
<poem>
कबीर मन फूल्या फिरै, करता हूँ मैं घ्रंम ।
कोटि क्रम सिरि ले चल्या, चेत न देखै भ्रम ॥ 300 ॥
{{KKPageNavigation|पीछे=कबीर दोहावली / पृष्ठ २|आगे=[[कबीर दोहावली / पृष्ठ ४ |सारणी=दोहावली / कबीर}}अगला भाग >>]]