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| {{KKParichay | | {{KKParichay |
− | |चित्र=Nishtar-khanqahi.jpg | + | |चित्र=NASHTAR_KAHNKAHI.jpg |
− | |नाम=निश्तर ख़ानक़ाही | + | |नाम='नश्तर' ख़ानक़ाही}} |
− | |उपनाम=
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− | |जन्म=1930
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− | |मृत्यु=7 मार्च 2006
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− | |जन्मस्थान=बिजनौर, उत्तर प्रदेश, भारत
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− | |कृतियाँ=मोम की बैसाखियाँ (1987), ग़ज़ल मैंने छेड़ी (1997), कैसे-कैसे लोग मिले (1998), फिर लहू रोशन हुआ (2007) मेरे लहू की आग (पाँचों ग़ज़ल-संग्रह) । धमकीबाज़ी के युग में (1995), दंगे क्यों और कैसे (1995), विश्व आतंकवाद : क्यों और कैसे (1997), चुने हुए ग्यारह एकांकी (1998), मानवाधिकार : दशा और दिशा (1998), ग़ज़ल और उसका व्याकरण (1999)।
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− | |विविध=
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− | |जीवनी=[[निश्तर ख़ानक़ाही / परिचय]]
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− | |अंग्रेज़ीनाम=Nishtar khanqahi, Nashtar Khanqaahi, Nishtar Khankaahee
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− | }} | + | |
− | {{KKCatUttarPradesh}}
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− | ====फुटकर शेर====
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− | * [[फुटकर शेर /निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | ====प्रतिनिधि रचनाएँ====
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− | <sort order="asc" class="ul">
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− | * [[धड़का था दिल कि प्यार का मौसम गुज़र गया / निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | * [[आप अपनी आग के शोलों में जल जाते थे लोग / निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | * [[क्यों बयाबाँ बयाबाँ भटकता फिरा / निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | * [[तेज़ रौ पानी की तीख़ी धार पर चलते हुए / निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | * [[न मिल सका कहीं ढूँढ़े से भी निशान मेरा / निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | * [[अनजाने हादसात का खटका लगा रहा / निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | * [[सौ बार लौह-ए-दिल से मिटाया गया मुझे / निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | * [[संदल के सर्द जंगल से आ-आ के थक गई हवा / निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | * [[एक पल ताअल्लुक का वो भी सानेहा जैसा / निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | * [[अपने ही खेत की मट्टी से जुदा हूँ मैं तो / निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | * [[मैं भी तो इक सवाल था हल ढूँढते मेरा / निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | * [[हर गाम पे यह सोच के, मैं हूँ कि नहीं हूँ / निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | * [[जाँ भी अपनी नहीं, दिल भी नहीं तनहा अपना /निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | * [[छत से उतरा साथी इक / निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | * [[दिल तेरे इंतज़ार में कल रात-भर जला / निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | * [[रिश्ता ही मेरा क्या है अब इन रास्तों के साथ /निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | * [[अभी तक जब हमें जीना ना आया / निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | * [[हर बार नया ले के जो फ़ित्ना नहीं आया / निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | * [[कभी तो मुल्तवी ज़िक्र-ए-जहाँ-गर्दां भी होना था / निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | * [[कशिश तो अब भी गज़ब की है नाज़नीनों में / निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | * [[ख़ुश-फ़हमियों को दर्द का रिश्ता अज़ीज़ था / निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | * [[सहरा का पता दे न समंदर का पता दे / निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | * [[सुरमई धूप में दिन सा नहीं होने पाता / निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | * [[तामीर हम ने की थी हमीं ने गिरा दिए / निश्तर ख़ानक़ाही]]
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− | * [[ये दश्त को दमन कोह ओ कमर किस के लिए है / निश्तर ख़ानक़ाही]]
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