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08:39, 26 फ़रवरी 2008 का अवतरण

याद हैं मुझे

तुम्हारे वे शब्द

तुमने कहा था--


एक दिन आएगा

जब आदमी

आदमी नहीं रह पाएगा

वह बंजर ज़मीन हो जाएगा

या ठाठें मारता समुद्र