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"उनका हो जाता हूँ/ त्रिलोचन" के अवतरणों में अंतर

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चोट जभी लगती है
 
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तभी हँस देता हूँ
 
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देखनेवालों की आँखें
 
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उस हालत में
 
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आँसू नहीं लाती हैं
 
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जब पीड़ा बढ़ जाती है
 
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बेहिसाब
 
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तब
 
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जाने-अनजाने लोगों में
 
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जाता हूँ
 
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उनका हो जाता हूँ
 
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हँसता हँसाता हूँ।
 
हँसता हँसाता हूँ।

19:59, 21 अक्टूबर 2007 के समय का अवतरण

चोट जभी लगती है

तभी हँस देता हूँ

देखनेवालों की आँखें

उस हालत में

देखा ही करती हैं

आँसू नहीं लाती हैं


और

जब पीड़ा बढ़ जाती है

बेहिसाब

तब

जाने-अनजाने लोगों में

जाता हूँ

उनका हो जाता हूँ

हँसता हँसाता हूँ।