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"पंख / दिविक रमेश" के अवतरणों में अंतर
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|रचनाकार=दिविक रमेश | |रचनाकार=दिविक रमेश | ||
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18:01, 23 मार्च 2008 के समय का अवतरण
दरवाजा
शायद खुला रह गया है
इसी राह से
आया होगा उड़कर
यह खूबसूरत पंख !
खिड़कियां तो सभी बंद हैं ।
शायद सामने वाले पेड़ पर
कोई नया पक्षी आया है ।
हो सकता है
बहुत दिनों से रह रहा हो ।
दरवाजा खुला हो
तो, ज़रूरी नहीं
अंधड़ तूफान ही
घुस आए घर में
खूबसूरत पंख भी तो
आ सकता है
उड़कर ।