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"ऐसा नहीं कि हमको मोहब्बत नहीं मिली.. / श्रद्धा जैन" के अवतरणों में अंतर

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ऐसा नहीं कि हमको, मोहब्बत नहीं मिली
 
ऐसा नहीं कि हमको, मोहब्बत नहीं मिली
बस जैसी आरज़ू थी वो चाहत नहीं मिली  
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बस यह हुआ कि हस्बे-ज़रुरत नहीं मिली
  
 
दौलत है, घर है, ख़्वाब हैं, हर ऐश है मगर
 
दौलत है, घर है, ख़्वाब हैं, हर ऐश है मगर
फिर भी ये लग रहा है कि क़िस्मत नहीं मिली
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बस जिसकी आरज़ू थी वो चाहत नहीं मिली
  
रोका बहुत मगर वो मुझे छोड़कर गए
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उससे हमारा क़र्ज़ उतारा नहीं गया
इन आंसुओं को आज भी क़ीमत नहीं मिली
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इन आंसुओं की आज भी क़ीमत नहीं मिली
  
इस ज़िंदगी में ख़्वाब-ओ-ख़यालात भी तो हैं
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देखे गए हैं जागती आँखों से कितने ख्वाब
 
हमको ये सोचने की भी मोहलत नहीं मिली
 
हमको ये सोचने की भी मोहलत नहीं मिली
  

21:32, 8 जुलाई 2013 का अवतरण

ऐसा नहीं कि हमको, मोहब्बत नहीं मिली
बस यह हुआ कि हस्बे-ज़रुरत नहीं मिली

दौलत है, घर है, ख़्वाब हैं, हर ऐश है मगर
बस जिसकी आरज़ू थी वो चाहत नहीं मिली

उससे हमारा क़र्ज़ उतारा नहीं गया
इन आंसुओं की आज भी क़ीमत नहीं मिली

देखे गए हैं जागती आँखों से कितने ख्वाब
हमको ये सोचने की भी मोहलत नहीं मिली

हालाँकि सारी उम्र ही गुज़री है उनके साथ
“श्रद्धा” मेरा नसीब कि क़ुरबत नहीं मिली