भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"भारती वन्दना / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) |
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) |
||
(3 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | + | {{KKGlobal}} | |
− | + | {{KKRachna | |
− | + | |रचनाकार= सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" | |
+ | }} | ||
+ | {{KKPrasiddhRachna}} | ||
+ | {{KKCatKavita}} | ||
+ | <poem> | ||
+ | भारति, जय, विजय करे | ||
+ | कनक-शस्य-कमल धरे! | ||
− | + | लंका पदतल-शतदल | |
+ | गर्जितोर्मि सागर-जल | ||
+ | धोता शुचि चरण-युगल | ||
+ | स्तव कर बहु अर्थ भरे! | ||
− | + | तरु-तण वन-लता-वसन | |
− | + | अंचल में खचित सुमन | |
+ | गंगा ज्योतिर्जल-कण | ||
+ | धवल-धार हार लगे! | ||
− | + | मुकुट शुभ्र हिम-तुषार | |
− | + | प्राण प्रणव ओंकार | |
− | + | ध्वनित दिशाएँ उदार | |
− | + | शतमुख-शतरव-मुखरे! | |
− | + | </poem> | |
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | मुकुट शुभ्र हिम - तुषार | + | |
− | प्राण प्रणव ओंकार | + | |
− | ध्वनित दिशाएँ उदार | + | |
− | शतमुख - शतरव - मुखरे!< | + |
11:49, 9 जुलाई 2013 के समय का अवतरण
भारति, जय, विजय करे
कनक-शस्य-कमल धरे!
लंका पदतल-शतदल
गर्जितोर्मि सागर-जल
धोता शुचि चरण-युगल
स्तव कर बहु अर्थ भरे!
तरु-तण वन-लता-वसन
अंचल में खचित सुमन
गंगा ज्योतिर्जल-कण
धवल-धार हार लगे!
मुकुट शुभ्र हिम-तुषार
प्राण प्रणव ओंकार
ध्वनित दिशाएँ उदार
शतमुख-शतरव-मुखरे!