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"सब तमन्नाएँ हों पूरी / कुमार विश्वास" के अवतरणों में अंतर
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और किसी पेड की डाली पर रिहाइश भी रहे | और किसी पेड की डाली पर रिहाइश भी रहे | ||
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उसने सौंपा नही मुझे मेरे हिस्से का वजूद | उसने सौंपा नही मुझे मेरे हिस्से का वजूद | ||
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उसकी कोशिश है की मुझसे मेरी रंजिश भी रहे | उसकी कोशिश है की मुझसे मेरी रंजिश भी रहे | ||
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मुझको मालूम है मेरा है वो मै उसका हूँ | मुझको मालूम है मेरा है वो मै उसका हूँ | ||
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उसकी चाहत है की रस्मों की ये बंदिश भी रहे | उसकी चाहत है की रस्मों की ये बंदिश भी रहे | ||
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कुछ अदावत भी रहे थोडी नवाज़िश भी रहे | कुछ अदावत भी रहे थोडी नवाज़िश भी रहे | ||
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15:09, 12 जुलाई 2013 के समय का अवतरण
सब तमन्नाएँ हों पूरी, कोई ख्वाहिश भी रहे
चाहता वो है, मुहब्बत में नुमाइश भी रहे
आसमाँ चूमे मेरे पँख तेरी रहमत से
और किसी पेड की डाली पर रिहाइश भी रहे
उसने सौंपा नही मुझे मेरे हिस्से का वजूद
उसकी कोशिश है की मुझसे मेरी रंजिश भी रहे
मुझको मालूम है मेरा है वो मै उसका हूँ
उसकी चाहत है की रस्मों की ये बंदिश भी रहे
मौसमों में रहे 'विश्वास' के कुछ ऐसे रिश्ते
कुछ अदावत भी रहे थोडी नवाज़िश भी रहे