भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"ये वही पुरानी राहें हैं / कुमार विश्वास" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|संग्रह=कोई दीवाना कहता है / कुमार विश्वास | |संग्रह=कोई दीवाना कहता है / कुमार विश्वास | ||
}} | }} | ||
− | + | {{KKCatKavita}} | |
− | चेहरे पर चँचल लट उलझी, आँखों | + | <poem> |
− | + | चेहरे पर चँचल लट उलझी, आँखों में सपन सुहाने हैं | |
ये वही पुरानी राहें हैं, ये दिन भी वही पुराने हैं | ये वही पुरानी राहें हैं, ये दिन भी वही पुराने हैं | ||
− | + | कुछ तुम भूली कुछ मैं भूला मंज़िल फिर से आसान हुई | |
− | कुछ तुम भूली कुछ | + | |
− | + | ||
हम मिले अचानक जैसे फिर पहली पहली पहचान हुई | हम मिले अचानक जैसे फिर पहली पहली पहचान हुई | ||
− | |||
आँखों ने पुनः पढी आँखें, न शिकवे हैं न ताने हैं | आँखों ने पुनः पढी आँखें, न शिकवे हैं न ताने हैं | ||
− | + | चेहरे पर चँचल लट उलझी, आँखों में सपन सुहाने हैं | |
− | चेहरे पर चँचल लट उलझी, आँखों | + | |
− | + | ||
तुमने शाने पर सिर रखकर, जब देखा फिर से एक बार | तुमने शाने पर सिर रखकर, जब देखा फिर से एक बार | ||
− | + | जुड़ गया पुरानी वीणा का, जो टूट गया था एक तार | |
− | + | ||
− | + | ||
फिर वही साज़ धडकन वाला फिर वही मिलन के गाने हैं | फिर वही साज़ धडकन वाला फिर वही मिलन के गाने हैं | ||
− | |||
चेहरे पर चँचल लट उलझी, आँखों मे सपन सुहाने हैं | चेहरे पर चँचल लट उलझी, आँखों मे सपन सुहाने हैं | ||
− | आओ हम | + | आओ हम दोनों की सांसों का एक वही आधार रहे |
− | + | ||
सपने, उम्मीदें, प्यास मिटे, बस प्यार रहे बस प्यार रहे | सपने, उम्मीदें, प्यास मिटे, बस प्यार रहे बस प्यार रहे | ||
− | |||
बस प्यार अमर है दुनिया मे सब रिश्ते आने-जाने हैं | बस प्यार अमर है दुनिया मे सब रिश्ते आने-जाने हैं | ||
− | |||
चेहरे पर चँचल लट उलझी, आँखों मे सपन सुहाने हैं | चेहरे पर चँचल लट उलझी, आँखों मे सपन सुहाने हैं |
10:20, 13 जुलाई 2013 के समय का अवतरण
चेहरे पर चँचल लट उलझी, आँखों में सपन सुहाने हैं
ये वही पुरानी राहें हैं, ये दिन भी वही पुराने हैं
कुछ तुम भूली कुछ मैं भूला मंज़िल फिर से आसान हुई
हम मिले अचानक जैसे फिर पहली पहली पहचान हुई
आँखों ने पुनः पढी आँखें, न शिकवे हैं न ताने हैं
चेहरे पर चँचल लट उलझी, आँखों में सपन सुहाने हैं
तुमने शाने पर सिर रखकर, जब देखा फिर से एक बार
जुड़ गया पुरानी वीणा का, जो टूट गया था एक तार
फिर वही साज़ धडकन वाला फिर वही मिलन के गाने हैं
चेहरे पर चँचल लट उलझी, आँखों मे सपन सुहाने हैं
आओ हम दोनों की सांसों का एक वही आधार रहे
सपने, उम्मीदें, प्यास मिटे, बस प्यार रहे बस प्यार रहे
बस प्यार अमर है दुनिया मे सब रिश्ते आने-जाने हैं
चेहरे पर चँचल लट उलझी, आँखों मे सपन सुहाने हैं