भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सपना रे सपना / गुलज़ार

8 bytes removed, 07:39, 23 जुलाई 2013
{{KKGlobal}}
 
{{KKRachna
 
|रचनाकार=गुलज़ार
 
|संग्रह=
 
}}
 
{{KKCatGhazal}}
 
<poem>
 
सपना रे सपना, है कोई अपना
अंखियों में आ भर जा
अंखियों की डिबिया, भर दे रे निंदिया
जादू से जादू कर जा
</poem>
फिल्म - एक थी डायन(2013)
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,103
edits