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"साधु साधु / भास्कर चौधुरी" के अवतरणों में अंतर
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साधुओं की पोटलियों में
ठुसे थे रुपये
कुछ सौ नहीं/हज़ार नहीं
लाखों
गेरुये कपड़ों में
कुछ दाग़ बलात्कार के भी थे
कहते हैं
साधुओं ने कर ली है जीत हासिल
मोह माया लोभ पर
दरअसल पोटलियाँ उनकी जीत के निशान ही तो हैं।।