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"ज़ब्त किस इम्तहान तक पहुँचा / द्विजेन्द्र 'द्विज'" के अवतरणों में अंतर
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ज़ब्त किस इम्तहान तक पहुँचा | ज़ब्त किस इम्तहान तक पहुँचा | ||
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मेरा ग़म भी बयान तक पहुँचा | मेरा ग़म भी बयान तक पहुँचा | ||
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लौट आई परों में फिर जुम्बिश | लौट आई परों में फिर जुम्बिश | ||
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हौसला जब उड़ान तक पहुँचा | हौसला जब उड़ान तक पहुँचा | ||
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अपनी आँखों में घर के ख़्वाब लिए | अपनी आँखों में घर के ख़्वाब लिए | ||
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इक मुसाफ़िर मकान तक पहुँचा | इक मुसाफ़िर मकान तक पहुँचा | ||
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तीर था तू जो मेरे तरकश का | तीर था तू जो मेरे तरकश का | ||
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कैसे उसकी कमान तक पहुँचा | कैसे उसकी कमान तक पहुँचा | ||
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उसकी ख़ुशबू हवाओं में फैली | उसकी ख़ुशबू हवाओं में फैली | ||
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जब सुख़न क़द्रदान तक पहुँचा | जब सुख़न क़द्रदान तक पहुँचा | ||
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ये भी तो शे‘र का करिश्मा है | ये भी तो शे‘र का करिश्मा है | ||
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‘द्विज’ भी सारे जहान तक पहुँचा | ‘द्विज’ भी सारे जहान तक पहुँचा | ||
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10:48, 29 जुलाई 2013 के समय का अवतरण
ज़ब्त किस इम्तहान तक पहुँचा
मेरा ग़म भी बयान तक पहुँचा
लौट आई परों में फिर जुम्बिश
हौसला जब उड़ान तक पहुँचा
अपनी आँखों में घर के ख़्वाब लिए
इक मुसाफ़िर मकान तक पहुँचा
तीर था तू जो मेरे तरकश का
कैसे उसकी कमान तक पहुँचा
उसकी ख़ुशबू हवाओं में फैली
जब सुख़न क़द्रदान तक पहुँचा
ये भी तो शे‘र का करिश्मा है
‘द्विज’ भी सारे जहान तक पहुँचा