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"लब पे इक नाम हमेशा की तरह / 'महशर' इनायती" के अवतरणों में अंतर
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12:43, 18 अगस्त 2013 के समय का अवतरण
लब पे इक नाम हमेशा की तरह
और क्या काम हमेशा की तरह
दिन अगर कोई गुज़ारे भी तो क्या
फिर वही शाम हमेशा की तरह
देख कर उन को मेरे चेहरे का रंग
बर-सर-ए-आम हमेशा की तरह
कूचा-गर्दों पे ही पाबंदी है
जलवा-ए-बाम हमेशा की तरह
दिल वही शहर-ए-तमन्ना ब-किनार
और ना-काम हमेशा की तरह
हाल क्या अपना बताए ‘महशर’
वक़्फ़-ए-आलाम हमेशा की तरह