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"मैं चाहती हूँ शब्द उगाऊं / रति सक्सेना" के अवतरणों में अंतर
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17:58, 29 अगस्त 2013 के समय का अवतरण
मैं चाहती हूँ शब्द उगाऊं
फलों की तरह नहीं
सब्जी की तरह भी नहीं
फुलवारी की तरह भी नहीं
जंगल की तरह
कुछ लम्बे, कुछ टेड़े
कुछ तिरछे कुछ बाँके
कमजोर, मजबूत
शब्द खड़े हो दरख्तों की तरह
फैले घास की तरह
चढ़े लताओं की तरह
खिले फूलों की तरह
पके फलों की तरह
मैं
चिड़िया, पीली चोंच वाली
उड़ूँ...फुदकूँ
गाऊं.. नाचूँ
जब तक मैं खुद
बन जाऊँ
शब्द
ना कि जंगल