भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"आहे धुरखुर ओंगठी बैठल माता सुनैना / मैथिलि" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |'''रचनाकार=अज्ञात''' }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=मैथिल...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
 
{{KKLokGeetBhaashaSoochi
 
{{KKLokGeetBhaashaSoochi
 
|भाषा=मैथिली  
 
|भाषा=मैथिली  
}}
+
}}{{KKCatMaithiliRachna}}
 
<poem>
 
<poem>
 
आहे धुरखुर ओंगठी बैठल माता सुनैना  
 
आहे धुरखुर ओंगठी बैठल माता सुनैना  

11:12, 22 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

आहे धुरखुर ओंगठी बैठल माता सुनैना
अँखियाँ से झहरत लोर हे
आहे के मोरा आहे बेटी पंजरा लागी बैठत
केकरा चुमब दुनू ठोर हे
आहे के मोरा केसिया सम्भालत
केहि जंतत दुनू गोर हे
आहे जईसही कुहूकई गे बेटी वन के कोयलिया
वैसहीं कुहकई हिया मोर हे.