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− | कांई हुवै परेम ? | + | कांई हुवै परेम? |
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− | अर लुगाई री ओट है बाम्बी ! | + | अर लुगाई री ओट है बाम्बी! |
जिण रै सरणै हुंता‘ई | जिण रै सरणै हुंता‘ई | ||
अलौप हूज्यै सरप | अलौप हूज्यै सरप | ||
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कैंवता दादी सा, | कैंवता दादी सा, | ||
− | परेम लाडी ! आ‘ई डकार हुवै | + | परेम लाडी! |
− | जे आदमी री सुरतां मांय करतार हुवै ! | + | आ‘ई डकार हुवै |
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13:41, 16 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण
कांई हुवै परेम?
विचारतौ उभौ हो ऐकलौ
कै याद आयगी
दादी सा री डकार लाम्बी!
"वासना पुरख री है सरप
अर लुगाई री ओट है बाम्बी!
जिण रै सरणै हुंता‘ई
अलौप हूज्यै सरप
टूटज्यै पुरख रौ दरप!"
कैंवता दादी सा,
परेम लाडी!
आ‘ई डकार हुवै
जे आदमी री सुरतां मांय करतार हुवै!