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"मारग / प्रमोद कुमार शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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बारै घणौ अन्धारौ
 
बारै घणौ अन्धारौ
 
हो‘री है बरसात जम‘र
 
हो‘री है बरसात जम‘र
 
पण सूकौ है म्हारौ आंगणौ !
 
पण सूकौ है म्हारौ आंगणौ !
 
म्हूं पूछूं बादळा सूं -
 
म्हूं पूछूं बादळा सूं -
‘‘म्हारै साथै ओ इन्याव क्यूं ?’’
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"म्हारै साथै ओ इन्याव क्यूं?"
 
नीं देवै पडुत्तर।
 
नीं देवै पडुत्तर।
 
म्हूं समझूं बात नै
 
म्हूं समझूं बात नै
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निकळ पडूं घर स्यूं
 
निकळ पडूं घर स्यूं
 
सोधतो मारग
 
सोधतो मारग
बादळां तांई पूगण रो !
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बादळां तांई पूगण रो!
 
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13:41, 16 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

बारै घणौ अन्धारौ
हो‘री है बरसात जम‘र
पण सूकौ है म्हारौ आंगणौ !
म्हूं पूछूं बादळा सूं -
"म्हारै साथै ओ इन्याव क्यूं?"
नीं देवै पडुत्तर।
म्हूं समझूं बात नै
अर लेय‘र एक लाठी
निकळ पडूं घर स्यूं
सोधतो मारग
बादळां तांई पूगण रो!