भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अंधेरो‘र च्यानणो / कन्हैया लाल सेठिया" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) |
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|संग्रह=क-क्को कोड रो / कन्हैया लाल सेठिया | |संग्रह=क-क्को कोड रो / कन्हैया लाल सेठिया | ||
}} | }} | ||
− | {{ | + | {{KKCatRajasthaniRachna}} |
{{KKCatKavita}} | {{KKCatKavita}} | ||
<poem> | <poem> |
07:28, 19 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण
कोनी
अमूझै
बन्द कोटड़ी में
अंधेरो
पण राखसी जींवतो
च्यानणै नै
खुलो झरोखो !