भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"पंडत जी / शिवराज भारतीय" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिवराज भारतीय |संग्रह=रंग-रंगीलो म्हारो देस / शि…)
 
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
|रचनाकार=शिवराज भारतीय
+
|रचनाकार=शिवराज भारतीय  
 
|संग्रह=रंग-रंगीलो म्हारो देस / शिवराज भारतीय
 
|संग्रह=रंग-रंगीलो म्हारो देस / शिवराज भारतीय
 
}}
 
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
+
{{KKCatRajasthaniRachna}}
 
{{KKCatBaalKavita}}
 
{{KKCatBaalKavita}}
 
<poem>
 
<poem>
 
 
पंडत श्री छदामी लाल
 
पंडत श्री छदामी लाल
 
लाल टमाटर वांरा गाल
 
लाल टमाटर वांरा गाल
पंक्ति 24: पंक्ति 23:
 
केळा पेड़ा बरफी अमरस
 
केळा पेड़ा बरफी अमरस
 
रसगुल्लां सूं काम चलावै।  
 
रसगुल्लां सूं काम चलावै।  
 
+
</poem>
</Poem>
+

10:14, 20 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

पंडत श्री छदामी लाल
लाल टमाटर वांरा गाल
मोटो ताजो वांरो पेट
खावै पीवै मारै लेट।

सवा सेर पेडां री थाळी
झारो कर राखै निरवाळी।
एक टेम जीमण जुठण री
बरसां सूं वै रीत निभावै
छाबौ रोटी धामो सब्जी
हांडी भर राबड़ गटकावै।

जिण दिन बरत री बारी आवै
अन्न नही वै दिनभर खावै
केळा पेड़ा बरफी अमरस
रसगुल्लां सूं काम चलावै।