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"तिलक -गीत भितरा से बोलीं हैं / अवधी" के अवतरणों में अंतर
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भितरा से बोलीं हैं रानी कौशिल्या सुनो राजा दशरथ बचनी हमारी | भितरा से बोलीं हैं रानी कौशिल्या सुनो राजा दशरथ बचनी हमारी |
15:09, 29 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण
♦ रचनाकार: अज्ञात
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भितरा से बोलीं हैं रानी कौशिल्या सुनो राजा दशरथ बचनी हमारी
सगरी अजोध्या में राम दुलरुआ तिलक आई बडि थोरी
सोभ्वा से बोले है राजा दशरथ सुनो जनक बचनी हमारी
सगरी अजोध्या में राम दुलरुआ तिलक आई बड़ी थोरी
हाथ जोरी राजा जनक जी बिनवैं सुनो दशरथ बचनि हमारी
तू तो हयो तीनो लोक ठाकुर हम होई जनक भिखारी