भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"रेत (3) / अश्वनी शर्मा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अश्वनी शर्मा |संग्रह=रेत रेत धड़क...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

00:04, 29 नवम्बर 2013 के समय का अवतरण

जेठ की घाम में
धू-धू करता है रेगिस्तान
सांय सांय करती है लू
भांय-भांय करता है सन्नाटा
फिर भी भेड़ का एक मेमना
बचा रहता है
भेड़ हो कर भी