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"जिसको प्यार संजोना आए / देवेन्द्र आर्य" के अवतरणों में अंतर

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22:31, 25 फ़रवरी 2014 के समय का अवतरण

जिसको प्यार संजोना आए ।
उसको जादू-टोना आए ।

पत्थर मिटटी हो सकता है,
तुमको अगर भिंगोना आए ।

बच्चा है, वह अपना बचपन,
डर लगता है खो ना आए ।

वो ही रिश्ता निभा सकेगा,
जिसको पीठ प धोना आए ।

आँसू का धन्धा ऐसा है,
बालू बेचो सोना आए ।

ऐसे क्यों मिलती हैं ख़ुशियाँ,
प्यार में जैसे रोना आए ।