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08:51, 29 मार्च 2014 के समय का अवतरण
सहबा अख़्तर
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जन्म | |
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जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
सहबा अख़्तर / परिचय |
ग़ज़लें
- असनाम-ए-माल-ओ-ज़र की परस्तिश सिखा गई / सहबा अख़्तर
- कुल जहाँ इक आईना है हुस्न की तहरीर का / सहबा अख़्तर
- ख़ुद को शरर शुमार किया और जल बुझे / सहबा अख़्तर
- गूँज मिरे गम्भीर ख़यालों की मुझ से टकराती है / सहबा अख़्तर
- जिसे लिख लिख के ख़ुद भी रो पड़ा हूँ / सहबा अख़्तर
- तुम ने कहा था चुप रहना सो चुप ने भी क्या काम किया / सहबा अख़्तर
- दोहराऊँ क्या फ़साना-ए-ख़्वाब-ओ-ख़याल को / सहबा अख़्तर
- सवाल-ए-सुब्ह-ए-चमन ज़ुल्मत-ए-ख़िज़ाँ से उठा / सहबा अख़्तर