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"मैना / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

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गुम्बज के ऊपर बैठी है, कौंसिल घर की मैना ।
 
गुम्बज के ऊपर बैठी है, कौंसिल घर की मैना ।

11:13, 1 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण

गुम्बज के ऊपर बैठी है, कौंसिल घर की मैना ।
सुंदर सुख की मधुर धूप है, सेंक रही है डैना ।।

तापस वेश नहीं है उसका, वह है अब महारानी ।
त्याग-तपस्या का फल पाकर, जी में बहुत अघानी ।।

कहता है केदार सुनो जी ! मैना है निर्द्वंद्व ।
सत्य-अहिंसा आदर्शों के, गाती है प्रिय छंद ।।