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"और का और मेरा दिन / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

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भैंस की खाल का  
 
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मरा दिन ।
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     वृद्ध रामदहिन  
 
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जब से  
 
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     चल बसा  
 
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     उनका लाड़ला ।
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     उनका लाड़ला।

11:14, 1 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण

दिन है
    किसी और का
    सोना का हिरन,
मेरा है
भैंस की खाल का
मरा दिन।
यही कहता है
    वृद्ध रामदहिन
    यही कहती है
उसकी धरैतिन,
जब से
    चल बसा
    उनका लाड़ला।