भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मिस्टर के की दुनिया: पेड़ और बम-५ / गिरिराज किराडू" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गिरिराज किराडू |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
12:15, 2 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण
उसे रोज याद दिलाने पड़ते हैं
कवि के कर्तव्य
कवि भाषा में नहीं
उसकी शर्म में रहता है