भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सात हजार साल बाद / संजय चतुर्वेदी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संजय चतुर्वेदी |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
23:11, 4 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण
कोई सात हजार साल बाद खोला उसने दरवाजा
बदल गई थी भाषा
लेकिन बदले नहीं थे आदमियों के आपसी संबंध
और वही आदमी था आज भी राजा
जिसके डर से वह बंद हुआ था
सात हजार साल पहले।