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"बीत गये दिन / कबीर" के अवतरणों में अंतर
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बीत गये दिन भजन बिना रे। | बीत गये दिन भजन बिना रे। | ||
भजन बिना रे भजन बिना रे॥ | भजन बिना रे भजन बिना रे॥ | ||
− | बाल अवस्था खेल | + | बाल अवस्था खेल गँवायो। |
जब यौवन तब मान घना रे॥ | जब यौवन तब मान घना रे॥ | ||
− | लाहे कारण मूल | + | लाहे कारण मूल गँवायो। |
अजहुं न गयी मन की तृष्णा रे॥ | अजहुं न गयी मन की तृष्णा रे॥ | ||
− | कहत कबीर सुनो | + | कहत कबीर सुनो भई साधो। |
पार उतर गये संत जना रे॥ | पार उतर गये संत जना रे॥ | ||
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07:59, 21 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण
बीत गये दिन भजन बिना रे।
भजन बिना रे भजन बिना रे॥
बाल अवस्था खेल गँवायो।
जब यौवन तब मान घना रे॥
लाहे कारण मूल गँवायो।
अजहुं न गयी मन की तृष्णा रे॥
कहत कबीर सुनो भई साधो।
पार उतर गये संत जना रे॥