भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"कभी राम बनके कभी श्याम बनके / भजन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKGlobal}}
{{KKBhajan}}
+
{{KKRachna
 +
|रचनाकार=अज्ञात
 +
|अनुवादक=
 +
|संग्रह=
 +
}}
 +
{{KKCatBhajan}}
 
{{KKAnthologyRam}}
 
{{KKAnthologyRam}}
 
{{KKAnthologyKrushn}}
 
{{KKAnthologyKrushn}}

12:15, 21 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण

कभी राम बनके कभी श्याम बनके चले आना प्रभुजी चले आना....

तुम राम रूप में आना, तुम राम रूप में आना
सीता साथ लेके, धनुष हाथ लेके,
चले आना प्रभुजी चले आना...

तुम श्याम रूप में आना, तुम श्याम रूप में आना,
राधा साथ लेके, मुरली हाथ लेके,
चले आना प्रभुजी चले आना...

तुम शिव के रूप में आना, तुम शिव के रूप में आना..
गौरा साथ लेके , डमरू हाथ लेके,
चले आना प्रभुजी चले आना...

तुम विष्णु रूप में आना, तुम विष्णु रूप में आना,
लक्ष्मी साथ लेके, चक्र हाथ लेके,
चले आना प्रभुजी चले आना...

तुम गणपति रूप में आना, तुम गणपति रूप में आना
रीधी साथ लेके, सीधी साथ लेके ,
चले आना प्रभुजी चले आना....

कभी राम बनके कभी श्याम बनके चले आना प्रभुजी चले आना...