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"जिन आँखिन रूप-चिह्नारि / घनानंद" के अवतरणों में अंतर

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‘घनआनन्द’ प्यारे सुजान सुनौ,
 
‘घनआनन्द’ प्यारे सुजान सुनौ,
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सुख में मुख चंद बिना निरखे,
 
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नखते सिख लौं बिख पागनि है.  
 
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19:26, 29 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण

जिन आँखिन रूप-चिन्हार भई,
तिनको नित ही दहि जागनिहै.
हित-पीरसों पूरित जो हियरा,
फिरि ताहि कहाँ कहु लागनिहै.
‘घनआनन्द’ प्यारे सुजान सुनौ,
जियराहि सदा दुख दागनि है.
सुख में मुख चंद बिना निरखे,
नखते सिख लौं बिख पागनि है.