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"फिर आज मुझे तुम को / सुदर्शन फ़ाकिर" के अवतरणों में अंतर

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फिर आज मुझे तुम को बस इतना बताना है
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मधुबन हो या गुलशन हो पतझड़ हो या सावन हो
हँसना ही जीवन है हँसते ही जाना है <br><br>
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हर हाल में इंसाँ का इक फूल सा जीवन हो
  
मधुबन हो या गुलशन हो पतझड़ हो या सावन हो<br>
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काँटों में उलझ के भी ख़ुशबू ही लुटाना है  
हर हाल में इंसाँ का इक फूल सा जीवन हो <br>
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हँसना ही जीवन है हँसते ही जाना है  
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हर पल जो गुज़र जाये दामन को तो भर जाये <br>
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हर पल जो गुज़र जाये दामन को तो भर जाये  
ये सोच के जी लें तो तक़दीर सँवर जाये <br>
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ये सोच के जी लें तो तक़दीर सँवर जाये  
इस उम्र की राहों से ख़ुशियों को चुराना है <br>
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हँसना ही जीवन है हँसते ही जाना है <br><br>
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सब दर्द मिटा दें हम, हर ग़म को सज़ा दें हम <br>
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इस उम्र की राहों से ख़ुशियों को चुराना है
कहते हैं जिसे जीना दुनिया को सिखा दें हम <br>
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हँसना ही जीवन है हँसते ही जाना है
ये आज तो अपना है कल भी अपनाना है <br>
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हँसना ही जीवन है हँसते ही जाना है <br><br>
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सब दर्द मिटा दें हम, हर ग़म को सज़ा दें हम
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कहते हैं जिसे जीना दुनिया को सिखा दें हम
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ये आज तो अपना है कल भी अपनाना है
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हँसना ही जीवन है हँसते ही जाना है  
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11:36, 7 मई 2014 के समय का अवतरण

 
फिर आज मुझे तुम को बस इतना बताना है
हँसना ही जीवन है हँसते ही जाना है

मधुबन हो या गुलशन हो पतझड़ हो या सावन हो
हर हाल में इंसाँ का इक फूल सा जीवन हो

काँटों में उलझ के भी ख़ुशबू ही लुटाना है
हँसना ही जीवन है हँसते ही जाना है

हर पल जो गुज़र जाये दामन को तो भर जाये
ये सोच के जी लें तो तक़दीर सँवर जाये

इस उम्र की राहों से ख़ुशियों को चुराना है
हँसना ही जीवन है हँसते ही जाना है

सब दर्द मिटा दें हम, हर ग़म को सज़ा दें हम
कहते हैं जिसे जीना दुनिया को सिखा दें हम

ये आज तो अपना है कल भी अपनाना है
हँसना ही जीवन है हँसते ही जाना है