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"जयति जयति वन्दन हर की / आरती" के अवतरणों में अंतर
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जयति जयति वन्दन हर की | जयति जयति वन्दन हर की | ||
− | गाओ मिल आरती सिया रघुवर की | + | गाओ मिल आरती सिया रघुवर की |
भक्ति योग रस अवतार अभिराम | भक्ति योग रस अवतार अभिराम | ||
− | करें निगमागम समन्वय ललाम | + | करें निगमागम समन्वय ललाम |
सिय पिय नाम रूप लीला गुण धाम | सिय पिय नाम रूप लीला गुण धाम | ||
− | बाँट रहे प्रेम निष्काम बिन दाम | + | बाँट रहे प्रेम निष्काम बिन दाम |
हो रही सफल काया नारी नर की | हो रही सफल काया नारी नर की | ||
− | गाओ मिल आरती सिया रघुवर की | + | गाओ मिल आरती सिया रघुवर की |
गुरु पद नख मणि चन्द्रिका प्रकाश | गुरु पद नख मणि चन्द्रिका प्रकाश | ||
− | जाके उर बसे ताके मोह तम नाश | + | जाके उर बसे ताके मोह तम नाश |
जाके माथ नाथ तव हाथ कर वास | जाके माथ नाथ तव हाथ कर वास | ||
− | ताके होए माया मोह सब ही विनाश | + | ताके होए माया मोह सब ही विनाश |
पावे रति गति मति सिया वर की | पावे रति गति मति सिया वर की | ||
− | गाओ मिल आरती सिया रघुवर की | + | गाओ मिल आरती सिया रघुवर की |
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22:59, 29 मई 2014 के समय का अवतरण
जयति जयति वन्दन हर की
गाओ मिल आरती सिया रघुवर की
भक्ति योग रस अवतार अभिराम
करें निगमागम समन्वय ललाम
सिय पिय नाम रूप लीला गुण धाम
बाँट रहे प्रेम निष्काम बिन दाम
हो रही सफल काया नारी नर की
गाओ मिल आरती सिया रघुवर की
गुरु पद नख मणि चन्द्रिका प्रकाश
जाके उर बसे ताके मोह तम नाश
जाके माथ नाथ तव हाथ कर वास
ताके होए माया मोह सब ही विनाश
पावे रति गति मति सिया वर की
गाओ मिल आरती सिया रघुवर की