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"नन्द-यशोदा के घर प्रकट हुए / हनुमानप्रसाद पोद्दार" के अवतरणों में अंतर
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नन्द-यशोदा के घर प्रकट हुए थे जब राधा-प्रिय श्याम।
हुई प्रवाहित थी तब रस-आनन्द-सुधा-सरिता अभिराम॥
आज श्याम की हृदय-वल्लभा प्रकट हुई जब रावल ग्राम।
उमड़ चला वह रस-सागर बन, पवित कर सब दिशा ललाम॥