भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"राजी राजी बोल बनी तो चुड़लो पेरादूं / राजस्थानी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKGlobal}} {{ KKLokRachna |रचनाकार }} राजी राजी बोल बनी तो चुड़लो पेरादूं<br> बेराजी बोले त...)
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKGlobal}}
{{
+
{{KKLokRachna
KKLokRachna
+
|रचनाकार=अज्ञात
|रचनाकार
+
}}
 +
{{KKLokGeetBhaashaSoochi
 +
|भाषा=राजस्थानी
 
}}
 
}}
  

18:01, 13 जुलाई 2008 का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

राजी राजी बोल बनी तो चुड़लो पेरादूं
बेराजी बोले तो म्हारी लाल चिटियो, म्हारी फूल चिटियो
नवी नारंगी रो खेल बतादूं रसिया .... मीठी खरबूजो
राजी राजी बोल बनी तो तीमणियौ पैराधूं
बैराजी बोले तो म्हारी लाल चिटियों ... म्हारी फूल चिटियों
नई नारंगी रो खेल बता दू रसिया .. मीमो खरबूजों।