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"सरितेचा ओघ सागरीं आटला / गोरा कुंभार" के अवतरणों में अंतर

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01:16, 1 जून 2014 के समय का अवतरण

सरितेचा ओघ सागरीं आटला। विदेही भेटला मनामन॥ १॥
कवणाचे सांगातें पुसावया कवणातें। सांगतों ऐक तें तेथें कैचें॥ २॥
नाहीं दिवस राती नाहीं कुळ याती। नाहीं माया भ्रांति अवघेची॥ ३॥
म्हणे गोराकुंभार परियेसी नामदेवा सांपडला ठेवा विश्रांतीचा॥ ४॥