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"घाम पड़े, धरती तपै रे / राजस्थानी" के अवतरणों में अंतर

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17:58, 13 जुलाई 2008 का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

घाम पड़े, धरती तपै रे, पड़े नगांरा री रोल
भंवर थारी जांत मांयने।
बापाजी बिना कड़ू चालणू रे
बापा मोत्यां सूं मूंगा साथा।
भंवर थारी जांन मांयने।
माताजी बिना केडूं चालणू रे
माताजी हरका दे साथ।
भंवर थारी जान मांयने।
घाम पड़े, धरती रपै रे, पड़े नागरां री रौल
भवंर थारी जांन मांयने।