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"हो रहो उसके, निरन्तर चरण में चिपटे रहो / हनुमानप्रसाद पोद्दार" के अवतरणों में अंतर
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08:56, 9 जून 2014 के समय का अवतरण
(तर्ज गजल-ताल रूपक)
हो रहो उसके, निरन्तर चरणमें चिपटे रहो।
दूर मत होओ कभी, नित हृदयसे लिपटे रहो॥