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"मुझको याद किया जाएगा / गोपालदास "नीरज"" के अवतरणों में अंतर

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जैसे मैं जी लिया किसी से क्या इस तरह जिया जाएगा<br><br>
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फटा हुआ यह कुर्ता अब तो ज्यादा नहीं सिया जाएगा
  
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मैंने किंतु बरसने वाली<br>
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रंग उड़ गए सब सतरंगी<br>
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फटा हुआ यह कुर्ता अब तो ज्यादा नहीं सिया जाएगा<br><br>
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कविता तब मीरा होगी जब हँसकर जहर पिया जाएगा।
 
कविता तब मीरा होगी जब हँसकर जहर पिया जाएगा।
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09:59, 11 जून 2014 के समय का अवतरण

आँसू जब सम्मानित होंगे मुझको याद किया जाएगा
जहाँ प्रेम का चर्चा होगा मेरा नाम लिया जाएगा।

मान-पत्र मैं नहीं लिख सका
राजभवन के सम्मानों का
मैं तो आशिक रहा जनम से
सुंदरता के दीवानों का
लेकिन था मालूम नहीं ये
केवल इस गलती के कारण
सारी उम्र भटकने वाला, मुझको शाप दिया जाएगा।

खिलने को तैयार नहीं थीं
तुलसी भी जिनके आँगन में
मैंने भर-भर दिए सितारें
उनके मटमैले दामन में
पीड़ा के संग रास रचाया
आँख भरी तो झूमके गाया
जैसे मैं जी लिया किसी से क्या इस तरह जिया जाएगा

काजल और कटाक्षों पर तो
रीझ रही थी दुनिया सारी
मैंने किंतु बरसने वाली
आँखों की आरती उतारी
रंग उड़ गए सब सतरंगी
तार-तार हर साँस हो गई
फटा हुआ यह कुर्ता अब तो ज्यादा नहीं सिया जाएगा

जब भी कोई सपना टूटा
मेरी आँख वहाँ बरसी है
तड़पा हूँ मैं जब भी कोई
मछली पानी को तरसी है,
गीत दर्द का पहला बेटा
दुख है उसका खेल खिलौना
कविता तब मीरा होगी जब हँसकर जहर पिया जाएगा।