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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
यासोदा तेरे लाल ने मेरी दी है मटकिया फोड़
तनक नहीं सरमावे दिखे तेरा नन्द किसोर
हाथ पकड़ कर झटका मारा नहीं चले कुछ जोर
मक्खन का तो मक्खन खाया रास्ता लिया रोक
क्या बना लें इस छलिया का ऐसा चित चोर