"हाय हाय मेरा खिवैया / हरियाणवी" के अवतरणों में अंतर
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पहले डूबे मोचड़े सूं घोड़े असवार | पहले डूबे मोचड़े सूं घोड़े असवार | ||
हाय हाय मेरा खिवैया | हाय हाय मेरा खिवैया | ||
+ | मेरा भाई मल्लाह का नय्या पार उतार | ||
+ | हाथ की दूंगी मूंदड़ी गल का नौलख हार | ||
+ | मल का साथ मिला हुआ फेर मिलन का नांय | ||
+ | सब सब सूए वालियां रांडी मोल न तोल | ||
+ | सब सब पूतां वालियां रांडी भौंरा देश | ||
+ | ज्यों ज्यों मल सड़ ऊभरै त्यों त्यों भारी होय | ||
+ | रांड गली का टोरड़ा मन माने ठुकराय | ||
+ | रंग महल से ऊपरी सीस महल ना जाय | ||
+ | बेसर टूटी सेज पै बिछए रतन जड़ाय | ||
+ | रतड़ा पलंग निवार का खड़ी सूए के पास | ||
+ | क्या तुम सूए सो रहे क्या तुम भरे गुमान | ||
+ | सूता होय जगाय ले रूठा होये मनाय | ||
+ | मौत न बस की होय होंगे कौने मालवै | ||
+ | या सरवर की पोल | ||
+ | सुरगी उट्ठे दामड़े रंडिया मोल न तोल | ||
+ | क्या तुम संशय ऊतरे क्या तुम गढ़े सुनार | ||
+ | आज पड़े हो धूल में कीन्हीं क्या करतार | ||
+ | वहां का गया ना बाहुड़े उन राहों ना जाइयो | ||
+ | उन राहों जम रही धूल | ||
+ | आवते का मुख देखियां जावते की बस पीठ | ||
+ | पीठ दिखाए न सरै तुम बिन पड़ी पुकार | ||
+ | हमारी पुकारां ना सुनी ठाडा ले गया मार | ||
+ | की ठाड़े की बीनती ये दिन मांगे लेय | ||
+ | मांगे दिन तो ना मिले मांगे मिल गई मौत | ||
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15:08, 13 जुलाई 2014 के समय का अवतरण
हाय हाय मेरा खिवैया
क्या होनी क्या होइयां हाय हाय मेरा सिरताज हा
नदी आई पहाड़ की चढ़ गई गगन गम्भीर
हाय हाय मेरा खिवैया
पहले डूबे मोचड़े सूं घोड़े असवार
हाय हाय मेरा खिवैया
मेरा भाई मल्लाह का नय्या पार उतार
हाथ की दूंगी मूंदड़ी गल का नौलख हार
मल का साथ मिला हुआ फेर मिलन का नांय
सब सब सूए वालियां रांडी मोल न तोल
सब सब पूतां वालियां रांडी भौंरा देश
ज्यों ज्यों मल सड़ ऊभरै त्यों त्यों भारी होय
रांड गली का टोरड़ा मन माने ठुकराय
रंग महल से ऊपरी सीस महल ना जाय
बेसर टूटी सेज पै बिछए रतन जड़ाय
रतड़ा पलंग निवार का खड़ी सूए के पास
क्या तुम सूए सो रहे क्या तुम भरे गुमान
सूता होय जगाय ले रूठा होये मनाय
मौत न बस की होय होंगे कौने मालवै
या सरवर की पोल
सुरगी उट्ठे दामड़े रंडिया मोल न तोल
क्या तुम संशय ऊतरे क्या तुम गढ़े सुनार
आज पड़े हो धूल में कीन्हीं क्या करतार
वहां का गया ना बाहुड़े उन राहों ना जाइयो
उन राहों जम रही धूल
आवते का मुख देखियां जावते की बस पीठ
पीठ दिखाए न सरै तुम बिन पड़ी पुकार
हमारी पुकारां ना सुनी ठाडा ले गया मार
की ठाड़े की बीनती ये दिन मांगे लेय
मांगे दिन तो ना मिले मांगे मिल गई मौत