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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
बाजरा कह मैं बड़ा अलबेल्ला
दो मुस्सल तैं लडूं अकेला
जै मिरी नाजो खिचड़ी खाय
फूलफाल कोठी हो जाय
