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"नेकी और बदी / मुंशी रहमान खान" के अवतरणों में अंतर
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व्यवपारी मनु जीव है जो चाहै लै जाय।। | व्यवपारी मनु जीव है जो चाहै लै जाय।। | ||
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जा चाहै लै जाय विभव कछु काम न आवै। | जा चाहै लै जाय विभव कछु काम न आवै। | ||
ईश करैं वहं न्याय कर्म का फल भुगतावै।। | ईश करैं वहं न्याय कर्म का फल भुगतावै।। | ||
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कहैं रहमान बदी सग लैहौ नर्क परै तोरे शीश। | कहैं रहमान बदी सग लैहौ नर्क परै तोरे शीश। | ||
लीजौ नेकी जगत महं स्वर्ग देंय तुम्हें ईश।। | लीजौ नेकी जगत महं स्वर्ग देंय तुम्हें ईश।। | ||
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07:18, 13 अगस्त 2014 के समय का अवतरण
ईश पैंठ संसार यह दोही वस्तु बिकाय।
व्यवपारी मनु जीव है जो चाहै लै जाय।।
जा चाहै लै जाय विभव कछु काम न आवै।
ईश करैं वहं न्याय कर्म का फल भुगतावै।।
कहैं रहमान बदी सग लैहौ नर्क परै तोरे शीश।
लीजौ नेकी जगत महं स्वर्ग देंय तुम्हें ईश।।