"जन गण मन / रवीन्द्रनाथ ठाकुर" के अवतरणों में अंतर
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भारत भाग्य विधाता | भारत भाग्य विधाता | ||
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तव शुभ नामे जागे | तव शुभ नामे जागे | ||
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जन गण मंगल दायक जय हे | जन गण मंगल दायक जय हे | ||
भारत भाग्य विधाता | भारत भाग्य विधाता | ||
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जय जय जय जय हे | जय जय जय जय हे | ||
'''इस रचना के यहाँ तक के पदों को भारत के राष्ट्रगान होने का सम्मान प्राप्त है। यहाँ से नीचे दिये गये पद भारतीय राष्ट्रगान का अंग नहीं हैं''' | '''इस रचना के यहाँ तक के पदों को भारत के राष्ट्रगान होने का सम्मान प्राप्त है। यहाँ से नीचे दिये गये पद भारतीय राष्ट्रगान का अंग नहीं हैं''' | ||
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+ | अहरह तव आह्वान प्रचारित, | ||
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+ | मुसलमान क्रिस्टानी | ||
+ | पूरब पश्चिम आसे | ||
+ | तव सिंहासन-पाशे | ||
+ | प्रेमहार हय गाथा। | ||
+ | जनगण-ऐक्य-विधायक जय हे | ||
+ | भारत भाग्य विधाता! | ||
+ | जय हे, जय हे, जय हे | ||
+ | जय जय जय जय हे | ||
पतन-अभ्युदय-वन्धुर-पंथा, | पतन-अभ्युदय-वन्धुर-पंथा, |
18:28, 19 अगस्त 2014 का अवतरण
जन गण मन अधिनायक जय हे
भारत भाग्य विधाता
पंजाब, सिन्ध, गुजरात, मराठा
द्राविड़, उत्कल, बंग
विन्ध्य, हिमाचल, यमुना, गंगा
उच्छल जलधि तरंग
तव शुभ नामे जागे
तव शुभ आशिष मागे
गाहे तव जय गाथा
जन गण मंगल दायक जय हे
भारत भाग्य विधाता
जय हे, जय हे, जय हे
जय जय जय जय हे
इस रचना के यहाँ तक के पदों को भारत के राष्ट्रगान होने का सम्मान प्राप्त है। यहाँ से नीचे दिये गये पद भारतीय राष्ट्रगान का अंग नहीं हैं
अहरह तव आह्वान प्रचारित,
शुनि तव उदार वाणी
हिन्दु बौद्ध शिख जैन पारसिक
मुसलमान क्रिस्टानी
पूरब पश्चिम आसे
तव सिंहासन-पाशे
प्रेमहार हय गाथा।
जनगण-ऐक्य-विधायक जय हे
भारत भाग्य विधाता!
जय हे, जय हे, जय हे
जय जय जय जय हे
पतन-अभ्युदय-वन्धुर-पंथा,
युगयुग धावित यात्री,
हे चिर-सारथी,
तव रथ चक्रेमुखरित पथ दिन-रात्रि
दारुण विप्लव-माझे
तव शंखध्वनि बाजे,
संकट-दुख-श्राता,
जन-गण-पथ-परिचायक जय हे
भारत-भाग्य-विधाता,
जय हे, जय हे, जय हे,
जय जय जय जय हे
घोर-तिमिर-घन-निविङ-निशीथ
पीङित मुर्च्छित-देशे
जाग्रत दिल तव अविचल मंगल
नत नत-नयने अनिमेष
दुस्वप्ने आतंके
रक्षा करिजे अंके
स्नेहमयी तुमि माता,
जन-गण-दुखत्रायक जय हे
भारत-भाग्य-विधाता,
जय हे, जय हे, जय हे,
जय जय जय जय हे
रात्रि प्रभातिल उदिल रविच्छवि
पूरब-उदय-गिरि-भाले, साहे विहन्गम, पूएय समीरण
नव-जीवन-रस ढाले,
तव करुणारुण-रागे
निद्रित भारत जागे
तव चरणे नत माथा,
जय जय जय हे, जय राजेश्वर,
भारत-भाग्य-विधाता,
जय हे, जय हे, जय हे,
जय जय जय जय हे