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"कस्तूरी-रंग / आशुतोष दुबे" के अवतरणों में अंतर

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09:36, 1 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण

जिस गन्ध में यह फूल खिला है
वह एक रंग की है

अपने कस्तूरी-रंग में डूबा हुआ
यह फूल उगता है मन की डाल पर

आप उसे दूर से पहचान लेते हैं
जो भीतर से महक रहा है इस रंग की गन्ध से